एक शिकारी प्रतिदिन शिकार करने जंगल जाया करता था । एक दिन उसे कोई शिकार नहीं मिला और वह थक हार कर पेड़ के निचे बैठ गया । तभी उसकी नज़र पेड़ पर बैठी चिड़िया पर गयी । शिकारी ने तुरंत जाल फेंक कर चिड़िया को पकड़ लिया । चिड़िया के बहुत कहने पर भी शिकारी ने चिड़िया को नहीं छोड़ा।
कुछ देर शांत रहने के बाद चिड़िया शिकारी से बोली ,' अगर तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैं तुम्हें तीन बातें बताउंगी, जिन्को मानने से तुम्हारा जीवन ही बदल जाएगा . फिर तुम बड़े आदमी बन जाओगे ।'
कुछ देर शांत रहने के बाद चिड़िया शिकारी से बोली ,' अगर तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैं तुम्हें तीन बातें बताउंगी, जिन्को मानने से तुम्हारा जीवन ही बदल जाएगा . फिर तुम बड़े आदमी बन जाओगे ।'
शिकारी के मन में लालच जागी और उसने चिड़िया को जाल से आज़ाद कर दिया ।
चिड़िया फुदक कर उस शिकारी के बाएं हाथ पर बैठ गई और पहली बात बताते हुए बोली ,'ऐसी बात पर विश्वास मत करना जो असम्भव हो . फिर बात चाहे कोई भी हो ।'
इसके बाद तुरंत चिड़िया फुदक कर दीवार पर जा बैठी और दूसरी बात बताते हुए बोली 'कोई चीज तुम्हारे हाथ से निकल जाए , तो फिर पछताने की जरुरत नहीं ।'
अब तीसरी और आखरी बात बताने के लिए वो थोड़ी और ऊंचाई पर जा बैठी और बोली ,' अब आखिरी बात बताने से पहले एक राज़ बताती हूँ , सुनो ! मेरे अन्दर आधे किलो का हीरा है , अगर तुम मुझे मार देते तो लखपति बन जाते ।'
तभी शिकारी रोने लगा और चिल्लाने लगा 'हाय ! मैं लूट गया मैं बरबाद हो गया ।'
उसी समय चिड़िया ने कहा , 'मुर्ख मैंने अभी जो तुमको बात बताई , उस पर तुमने अमल नहीं किया. मेरा वजन जब पांच सौ ग्राम है तो फिर मेरे पेट में आधे किलो का हिरा कहा से आएगा।'
अब शिकारी की समझ में कुछ बातें आने लगी . शिकारी ने चिड़िया को तीसरी बात बताने को कहा ।
चिड़िया ने कहा ' जब तुम दो बातों पर अमल नहीं कर सके तो फिर तीसरी बात बताने का क्या फायदा ? वैसे भी बोलने वाले को ये समझ लेना चाहिए कि , सुनने वाला बात को समझ रहा है या नहीं ।' इतना कहकर चिड़िया उड़ गई ।
7 टिप्पणियां:
वाह.............
बहुत बढ़िया.....
सार्थक कथा.
सादर.
अच्छी सीख देती कहानी ...
बहुत बढिया सीख दी है।
बहुत पते की बात कही है चिडिया ने
बोध कथा सी प्रेरक कथा .सुन्दरम मनोहरं .
Prerak katha ... Abhar.
उम्दा, बेहतरीन ...बहुत बहुत बधाई...
plz word varification hataa dein..
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